गणपति-वन्दना
Ganpati Vandana
ganpati bappa morya
गणनायक विघन हरोजी ।
सुख समपत्त दीजो आयके ।।
गणनायक विघन हरोजी।
पार्वती के तुम लाला, मैं जपता प्रभु तेरी माला ।
खोल मेरे हर्दय का ताला, मोहे ज्ञान बताओ आयके ।।
मेरे गुण से पेट भरोजी ।
गणनायक विघन हरोजी ।
मात गवरजा, सीया सतीजी, मैं सिवंरू कैलाश पति जी।
बलबंके हुनमान जतीजी, लायो संजीवन जायके ।।
रघुवर के काम हरोजी ।।2।।
गणनायक विघन हरोजी
रवि शशि शेष सकल घन तारा, अड़सठ तीर्थ गंगा की धारा ।
पुष्कर तीरथ राजा प्यारा, मेरी नैया उतारो पार रे ।।
भव पापी पार करोजी ।।3।।
गणनायक विघन हरोजी ।
मात-पिता गुरू देव गुसाई, जनम दियो मोहे ज्ञान बताई ।
धिन शिवलाल शरण तेरी आयो, मोहे दर्शन दीजो आयके ।
मेरे सिर पर हाथ धरोजी ।।4।।
गणनायक विघन हरोजी ।
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